नई दिल्ली: शुक्रवार, 7 मार्च 2025 को भारतीय शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव भरा सत्र देखने को मिला। BSE Sensex 7.51 अंकों (0.01%) की मामूली गिरावट के साथ 74,332.58 पर बंद हुआ, जबकि NSE NIFTY 50 इंडेक्स 7.80 अंकों (0.03%) की बढ़त के साथ 22,552.50 पर बंद हुआ।
दिनभर का बाजार प्रदर्शन:
शुक्रवार को बाजार की शुरुआत कमजोरी के साथ हुई। सेंसेक्स 200 अंकों से अधिक पर गिरकर खुला, और निफ्टी 22,500 के नीचे फिसल गया। आईटी और बैंकिंग क्षेत्रों में दबाव के कारण बाजार में यह गिरावट देखी गई। हालांकि, दिन के अंत तक बाजार ने अपनी अधिकांश गिरावट को संभालते हुए लगभग स्थिरता प्राप्त की, और अनुमान लगाया जा रहा है की आगे भी यह स्थिरता देखने को मिलेगी।
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प्रमुख शेयरों का प्रदर्शन:
सेंसेक्स (Sensex) की 30 में से 13 कंपनियों के शेयरों में बढ़त देखी गई, जबकि 17 कंपनियों के शेयरों में गिरावट रही। रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में 3.18% की उल्लेखनीय वृद्धि हुई, जो बाजार को समर्थन प्रदान करने में महत्वपूर्ण रहा। इसके अलावा, नेस्ले इंडिया, टाटा मोटर्स, अडाणी पोर्ट्स, और टाटा स्टील के शेयरों में भी बढ़त देखी गई। दूसरी ओर, जोमैटो के शेयरों में 3.82% की गिरावट रही, जबकि इंडसइंड बैंक, एनटीपीसी, इंफोसिस, एचसीएल टेक, और टाइटन के शेयरों में भी गिरावट दर्ज की गई।
बैंकिंग क्षेत्र का प्रदर्शन:
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के शेयरों में 0.11% की मामूली बढ़त देखी गई, जो 732.75 रुपये पर बंद हुए। यह प्रदर्शन बाजार की समग्र कमजोरी के बावजूद उल्लेखनीय है। हालांकि, इंडसइंड बैंक के शेयरों में 3.60% की गिरावट आई, जबकि कोटक महिंद्रा बैंक के शेयरों में 0.66% की वृद्धि हुई।
वैश्विक संकेत और निवेशकों की धारणा:
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों के प्रति अनिश्चितता के कारण वैश्विक बाजारों में अस्थिरता देखी गई। इसका प्रभाव भारतीय बाजारों पर भी पड़ा, जिससे निवेशकों में सतर्कता बढ़ी। इसके अलावा, अमेरिकी नौकरियों के आंकड़ों और फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल के भाषण का इंतजार भी निवेशकों की धारणा को प्रभावित कर रहा है।
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तकनीकी विश्लेषण और आगामी सत्र की संभावनाएं:
तकनीकी दृष्टिकोण से, निफ्टी को 22,500 के स्तर पर समर्थन मिल सकता है, जबकि 22,600, 22,700, और 22,800 स्तर प्रमुख प्रतिरोध बिंदु होंगे। यदि निफ्टी 22,500 के स्तर को बनाए रखता है, तो आगामी सत्रों में बाजार में स्थिरता या मामूली बढ़त की संभावना है। हालांकि, वैश्विक संकेतकों और घरेलू आर्थिक आंकड़ों पर निवेशकों को नजर रखनी चाहिए, क्योंकि ये बाजार की दिशा निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
निवेशकों के लिए सलाह:
वर्तमान बाजार परिस्थितियों में, निवेशकों को सतर्क रहना आवश्यक है। लंबी अवधि के निवेशकों के लिए यह समय गुणवत्ता वाले शेयरों में निवेश जारी रखने का हो सकता है, जबकि अल्पकालिक निवेशकों को तकनीकी स्तरों और वैश्विक संकेतकों पर ध्यान देना चाहिए। बाजार की अस्थिरता को देखते हुए, निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में विविधता बनाए रखना और जोखिम प्रबंधन पर विशेष ध्यान देना चाहिए। अंत में, भारतीय शेयर बाजार ने शुक्रवार को मिश्रित संकेत दिए हैं। आगामी सत्रों में बाजार की दिशा वैश्विक और घरेलू आर्थिक विकास, कॉर्पोरेट आय, और निवेशकों की धारणा पर निर्भर करेगी। इसलिए, सूचित निर्णय लेने के लिए निवेशकों को नियमित रूप से बाजार की गतिविधियों पर नजर रखनी चाहिए।